जैविक खेती की मुख्य आवश्यकता"केंचुआ खाद"

केंचुआ खाद (वर्मी कम्पोस्ट)
केंचुए कम सड़े कार्बनिक पदार्थों को भोजन के रूप में ग्रहण कर मल -विष्ठा करते हैं उसे वर्मी कास्टिंग कहते हैं, और इनसे प्राप्त इस मल को वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद कहते हैं.
कृषि के उत्पादन वृद्धि में केंचुआ खाद उपयोगी पदार्थ.
- कृषि से प्राप्त कूड़ा-कचरा:- अधसड़े पौधों के डंठल, पत्तियां, भूसा, गन्ने की खोई, खरपतवार, फूल, सब्जियों के छिलके,केले के पत्ते, तने, पशुओं के गोबर मूत्र, एवं गोबर गैस का कचरा, सब्जी मंदी का कचरा, रसोई का कूड़ा कचरा आदि से केंचुए की खाद बने जा सकती है.
- कृषि उद्योग से प्राप्त कूड़ा-कचरा:- फल प्रसंस्करण इकाई, तेल शोधक कारखाने, चीनी उद्योग, बीज प्रसंस्करण, तेल मीलों एवं नारियल उद्योग आदि के कचरे से भी केंचुआ खाद का निर्माण किया जा सकता है.
- गोबर:- ऊपर लिखे पदार्थों को अधसड़े गोबर से मिश्रित कर देने से केंचुआ खाद शीघ्र एवं उत्तम श्रेणी की बनती है, केंचुओं को गोबर एवं पट्टी का मिश्रण अति प्रिय है.
अगले अंक में "केंचुआ खाद" उत्पादन विधि बताई जायेगी.
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(चित्र-गूगल से साभार) Read more...