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भारत कृषि प्रधान देश है,आज बढती हुयी जनसंख्या को देखते हुए खाने के लिए अन्न के साथ -साथ फल फूल सब्जी एवं औषधि फसल उत्पादन की भी अत्यंत आवश्यकता है,चूँकि यह क्षेत्र में उत्पादन हेतु प्रत्येक कदम पर तकनिकी ज्ञान एवं मार्ग दर्शन की आवस्यकता पड़ती है, जोकि समय पर उत्पादकों को नहीं मिल पाती.इसलिए इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक सहायता उपलब्ध करने की दृष्टि से इस साईट का निर्माण किया गया है आप अपने प्रश्न मेल या टिप्पणी के माध्यम से कर सकते है,आपकी यथा सम्भव मदद करने की पुरजोर कोशिस की जायेगी,
जो चषक हाथ धन्वन्तरि के थमा, नीर उसका सदा आप पाते रहें शारदा के करों में जो वीणा बजी, तान उसकी सदा गुनगुनाते रहें क्षीर के सिन्धु में रक्त शतदल कमल पर विराजी हुई विष्णु की जो प्रिया के करों से बिखरते हुए गीत का आप आशीष हर रोज पाते रहें
मैं वर्तमान में इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में हार्टीकल्चर विभाग में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हूँ, इसके पूर्व मैंने इंदिरा गाँधी कृषि विस्वविद्यालय से Bsc-agreeculture एवं Msc horticulture विषय में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया, मैंने भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद नयी दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक भर्ती मंडल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) भी २ बार उत्तीर्ण की,इसके अतिरिक्त अस्पी मुंबई द्वारा प्रतिष्ठित जूनियर रिसर्च फेलोशिप भी प्राप्त की जिससे मैंने टिशु कल्चर केला पर अनुसन्धान कार्य किया जो राष्ट्रीय एवं अंतर रास्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुआ,वर्तमान में उद्यानिकी अनुसन्धान के साथ-साथ विभिन्न उद्यानिकी प्रबन्धन कार्य यथा-फल वृक्ष प्रवर्धन,विभिन्न शोभायमान पौधों का प्रवर्धन एवं सब्जी बीजोत्पादन के साथ- साथ बगीचा प्रबंधन में भी सलग्न हूँ, इसके अतिरिक्त हार्टीकल्चर उत्पादन सम्बन्धी किसानों,उद्यान प्रेमियों की समस्याओं का समाधान किसान प्रशिक्षण रेडियो एवं टी.वी.वार्ता द्वारा समय समय पर किया जाता है,जिससे उनको भरपूर उत्पादन एवं लाभ प्राप्त हो सके.
7 टिप्पणियाँ:
ढेरो शुभ कामनाओं सहित आपको भी !
जो चषक हाथ धन्वन्तरि के थमा, नीर उसका सदा आप पाते रहें
शारदा के करों में जो वीणा बजी, तान उसकी सदा गुनगुनाते रहें
क्षीर के सिन्धु में रक्त शतदल कमल पर विराजी हुई विष्णु की जो प्रिया
के करों से बिखरते हुए गीत का आप आशीष हर रोज पाते रहें
राकेश
सुन्दर रचना!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
दिवाली की हार्दिक ढेरो शुभकामनाओ के साथ, आपका भविष्य उज्जवल और प्रकाशमान हो .
आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनांए.
अच्छे विचार !!
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
आपको दीप पर्व की शुभकामनाएं
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